नए GST लागू होने के बाद सस्ता हो गया सीमेंट, बालू, गिट्टी और सरिया | New GST Rate


नए GST लागू होने के बाद सस्ता हो गया सीमेंट, बालू, गिट्टी और सरिया | New GST Rate

New GST Rate: भारत सरकार द्वारा जीएसटी दरों में हाल ही में की गई कटौती का सबसे बड़ा फायदा उन लोगों को मिल रहा है जो अपना घर बनाने का सपना देख रहे थे। निर्माण सामग्री की बढ़ती कीमतों के कारण जिन परिवारों ने अपनी मकान निर्माण की योजनाओं को टाल दिया था, उनके लिए यह एक सुनहरा मौका है। सीमेंट, बालू, और गिट्टी जैसी आवश्यक निर्माण सामग्री की कीमतों में आई गिरावट से अब 1000 स्क्वायर फीट के मकान निर्माण में लगभग एक लाख रुपये की बचत हो सकती है।


मध्यमवर्गीय और ग्रामीण परिवारों के लिए यह एक बेहतरीन अवसर है क्योंकि छोटी-छोटी बचत मिलकर एक बड़ी राशि बन जाती है। GST की दरों में 28% से 18% तक की कमी का प्रभाव सीधे तौर पर निर्माण लागत पर पड़ा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कटौती आने वाले समय में और भी अधिक लाभ दे सकती है।

GST में आए बदलाव का निर्माण सामग्री पर प्रभाव
भारत सरकार द्वारा जीएसटी की दरों में की गई कटौती का सबसे अधिक प्रभाव सीमेंट की कीमतों पर देखा जा रहा है। पहले जहाँ सीमेंट पर 28% जीएसटी लगता था (14% स्टेट और 14% सेंट्रल), वहीं अब केवल 18% जीएसटी (9% स्टेट और 9% सेंट्रल) का भुगतान करना होगा। इस बदलाव के कारण A ग्रेड सीमेंट की कीमत ₹320-340 प्रति बैग से घटकर ₹290-300 प्रति बैग हो गई है।


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निर्माण व्यापारियों के अनुसार, सीमेंट के प्रत्येक बैग पर ₹30-35 की बचत हो रही है। यह कमी सीधे तौर पर उपभोक्ताओं तक पहुँच रही है। बालू की कीमतों में भी ₹400 से ₹700 प्रति 100 स्क्वायर फीट की गिरावट देखी गई है। गिट्टी और अन्य निर्माण सामग्री की कीमतों में भी समान रूप से कमी आई है।

मकान निर्माण में कितनी होगी वास्तविक बचत

100 स्क्वायर फीट के मकान निर्माण में पहले जहाँ ₹70,000-80,000 का खर्च आता था, अब वह घटकर ₹65,000-75,000 के बीच आ गया है। इस गणना में नींव से लेकर छत की ढलाई तक का सम्पूर्ण खर्च शामिल है। 100 स्क्वायर फीट के लिए आवश्यक सामग्री में 35-40 बैग सीमेंट, 300 स्क्वायर फीट बालू, 125 स्क्वायर फीट गिट्टी, 1-1.2 क्विंटल सरिया, और 1500-2000 ईंटें शामिल हैं।

यदि 1000 स्क्वायर फीट के मकान की बात करें तो पहले जहाँ फ्रेम तैयार करने में (बिना प्लास्टर के) ₹6-7 लाख का खर्च आता था, अब वह ₹5-6 लाख में हो जाएगा। इससे प्रति घर लगभग ₹1 लाख तक की बचत हो सकती है। यह बचत विशेषकर मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है।

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छत ढलाई की लागत में आई कमी

छत की ढलाई मकान निर्माण का सबसे महंगा हिस्सा होता है और इसमें सीमेंट की सबसे अधिक आवश्यकता होती है। विशेषज्ञों के अनुसार, 100 स्क्वायर फीट की छत ढलाई में पहले जहाँ सीमेंट का खर्च ₹3000 के आसपास आता था, अब वह घटकर ₹2700-2800 तक आ सकता है। इससे प्रत्येक 100 स्क्वायर फीट की छत पर ₹200-300 की बचत होती है।

बड़े मकानों के लिए यह बचत और भी अधिक होगी। 1000 स्क्वायर फीट के मकान में केवल छत की ढलाई में ही ₹2000-3000 तक की बचत हो सकती है। सीमेंट की कीमत में आई यह कमी न केवल नए निर्माण को प्रभावित कर रही है बल्कि मरम्मत और रेनोवेशन के काम भी सस्ते हो गए हैं।

सरिया और अन्य निर्माण सामग्री की स्थिति

हालांकि सीमेंट और बालू की कीमतों में भारी गिरावट आई है, लेकिन TMT सरिया की कीमतों में कोई विशेष बदलाव नहीं हुआ है। वर्तमान में TMT 500 की कीमत ₹52-54 प्रति किलो है। टाटा टिस्कोन सरिया की कीमतें अलग-अलग साइज़ के अनुसार ₹219 (6mm) से लेकर ₹5708 (32mm) तक हैं।

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ईंटों की कीमतों में भी मामूली कमी देखी गई है। स्थानीय व्यापारी बताते हैं कि निर्माण सामग्री की बिक्री में भी वृद्धि हुई है क्योंकि लोग इस अवसर का फायदा उठाना चाहते हैं। आने वाले समय में और भी कीमतों में गिरावट की संभावना है क्योंकि व्यापारी अपना पुराना स्टॉक साफ करके नई दरों पर सामान खरीद रहे हैं।

ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों पर अलग प्रभाव

ग्रामीण क्षेत्रों में इस कीमत में कमी का अधिक प्रभाव देखा जा रहा है क्योंकि वहाँ निर्माण लागत पहले से ही कम होती है। ग्रामीण इलाकों में मकान निर्माण की लागत में 15-20% तक की कमी हो सकती है। शहरी क्षेत्रों में यह कमी 10-15% के आसपास है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय सामग्री का अधिक उपयोग होता है और परिवहन की लागत भी कम होती है।

मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए यह एक सुनहरा अवसर है क्योंकि वे अपनी बचत का उपयोग करके अपना सपनों का घर बना सकते हैं। छोटे शहरों और कस्बों में भी निर्माण गतिविधियों में तेजी देखी जा रही है। स्थानीय व्यापारी भी इस अवसर का लाभ उठाकर अपना व्यापार बढ़ाने की योजना बना रहे हैं।

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भविष्य की संभावनाएं और बाजार का दृष्टिकोण

निर्माण सामग्री विक्रेताओं का मानना है कि आगे चलकर कीमतों में और भी गिरावट देखने को मिल सकती है। व्यापारी लगातार नई दरों पर स्टॉक बेच रहे हैं और पुराना महंगा स्टॉक साफ कर रहे हैं। यह प्रक्रिया धीरे-धीरे पूरे बाजार को स्थिर करेगी और उपभोक्ताओं को और भी अधिक लाभ मिलेगा।

सरकार की यह नीति न केवल आम उपभोक्ताओं को लाभ पहुँचा रही है बल्कि निर्माण क्षेत्र में भी तेजी ला रही है। रियल एस्टेट डेवलपर्स भी इस अवसर का फायदा उठाकर अपनी लागत कम करने की योजना बना रहे हैं। इससे आवास क्षेत्र में नई गतिविधियाँ देखने को मिल सकती हैं और रोजगार के अवसर भी बढ़ सकते हैं।

अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी केवल सामान्य शिक्षा और जानकारी के उद्देश्य से है। कीमतों में बदलाव स्थान और समय के अनुसार भिन्न हो सकते हैं। निर्माण कार्य शुरू करने से पहले स्थानीय बाजार से वर्तमान दरों की जांच अवश्य करें। यह लेख किसी भी प्रकार की वित्तीय सलाह नहीं है।

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