GST कट ने भर दी ऑटो कंपनियों की झोली, पीएम मोदी की घोषणा से $33 अरब की लॉटरी
जीएसटी सुधारों से ऑटो सेक्टर गदगद है। अमेरिकी टैरिफ से शेयर बाजार और इकॉनमी पर असर पड़ रहा है। पिछले कुछ दिनों से शेयर बाजार लगभग स्थिर बना हुआ है लेकिन ऑटो शेयरों में काफी तेजी आई है। जीएसटी काउंसिल ने ज्यादातर पैसेंजर गाड़ियों पर जीएसटी को 31% से घटाकर 18% कर दिया है।
नई दिल्ली: भारत में ऑटो कंपनियों के निवेशकों के लिए अच्छी खबर है। हाल में हुए जीएसटी सुधारों में ऑटो सेक्टर को काफी राहत दी गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले के प्राचीर से जीएसटी सुधारों की घोषणा की थी। उसके बाद से बीएसई में लिस्टेड 20 ऑटो कंपनियों के शेयरों में करीब 33 बिलियन डॉलर की बढ़ोतरी हुई है। ऑटो सेक्टर का इंडेक्स इस दौरान 12% से ज्यादा बढ़ चुका है। हालांकि इस दौरान बीएसई सेंसेक्स लगभग स्थिर रहा। इसकी वजह यह है कि अमेरिका ने भारत से आने वाले सामान पर 50% टैरिफ लगाया है। यह एशिया में सबसे ज्यादा है। इसका असर बाजार और इकॉनमी पर पड़ रहा है।
जीएसटी काउंसिल ने ज्यादातर पैसेंजर गाड़ियों पर जीएसटी को 31% से घटाकर 18% कर दिया है। पहले इन पर 28 फीसदी जीएसटी और 3 फीसदी सेस लगता था। इससे कार और बाइक खरीदना सस्ता हो जाएगा। भारत में अगले महीने त्योहारों का सीजन शुरू हो रहा है। इस दौरान गाड़ियों की बिक्री लगभग 25% तक बढ़ जाती है। महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयर सबसे ज्यादा बढ़े हैं। यह कंपनी एसयूवी से लेकर ट्रैक्टर तक बनाती है। इसके शेयरों में इस महीने 15% से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। बुलेट और ट्रैक्टर बनाने वाली आयशर मोटर्स और टीवीएस मोटर कंपनी के शेयरों में भी तेजी आई है।
कैसे बढ़ेगी मांग?
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के एनालिस्ट शशांक कनौडिया का कहना है कि ऑटो सेक्टर के लिए अच्छे दिन आने वाले हैं। उनका मानना है कि टैक्स में कटौती के बाद गाड़ियों की कीमतें कम होंगी। इससे एंट्री-लेवल कारों की मांग बढ़ेगी। सरकार के इस कदम से ऑटो कंपनियों को काफी फायदा होने की उम्मीद है। टैक्स कम होने से गाड़ियां सस्ती होंगी और लोग ज्यादा गाड़ियां खरीदेंगे। इससे कंपनियों का मुनाफा बढ़ेगा और देश की अर्थव्यवस्था को भी फायदा होगा।
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